Saturday, October 7, 2017

थायराइड को उपचार (यहां वहां बाट संकलित ) -KRD (Part-01)

आजकल थायराइड की समस्या होना एक आम समस्या बन गई है. एक स्वस्थ्य मनुष्य में थायरायड ग्रंथि का भार 25 से 50 ग्राम तक होता है. थाइराइड को समस्या गर्दन के सामने और स्वर तंत्र के दोनों तरफ होने लगती है. इसका आकर तितली की तरह होता है. 

TSH=Thyroid Stimulating Hormone (normal range 0.17- 4.05), 
However, many organisations agree that a reading of 2.5 or less is truly ideal, with anything 2.5 – 4.0 mIU/L considered “at risk”.
For those on thyroxine, goal TSH level is between 0.5 to 2.5 mU/L.
The reference ranges alter slightly as we grow older and if you are pregnant:
TSH levels for premature birth (28‑36 weeks)
  • 0.7‑27 mIU/L
TSH levels for children
  • Birth to 4 days: 1‑39 mIU/L
  • 2‑20 weeks: 1.7‑9.1 mIU/L
  • 21 weeks to 20 years: 0.7‑64 mIU/L
TSH levels for adults
  • 21‑54 years: 0.4‑4.2 mIU/L
  • 55‑87 years: 0.5‑8.9 mIU/L
TSH levels during pregnancy
  • First trimester: 0.3‑4.5 mIU/L
  • Second trimester: 0.3‑4.6 mIU/L
  • Third trimester: 0.8‑5.2 mIU/L
Small variations in results can occur depending on the laboratory and its methods used, as well as the time of day your blood was taken.


          is a hormone that controls thyroid function
          It is actually produced by the brain’s pituitary gland, but stimulates           production of the hormones triiodothyronine (T3) and thyroxine (T4) in the  
         The amount and balance of these hormones affects almost every  physiological process in the body, particular your body’s metabolismthyroid gland.  The amount of T3 and T4 in your blood.

T3 and T4 levels are low, the body produces more TSH to stimulate the thyroid.
T3 and T4 levels are high, the body produces less (2).

T4=  (normal range is 11.5    To   23.0),
T3= (normal range is 2.5  To         5.8)  

Thyroid Function Tests

Normal Laboratory Values

Test Abbreviation Typical Ranges
Serum thyroxine T4 4.6-12 ug/dl
Free thyroxine fraction FT4F 0.03-0.005%
Free Thyroxine  FT4 0.7-1.9 ng/dl
Thyroid hormone binding ratio  THBR 0.9-1.1
Free Thyroxine index FT4I 4-11
Serum Triiodothyronine T3 80-180 ng/dl
Free Triiodothyronine l FT3 230-619 pg/d
Free T3 Index FT3I 80-180
Radioactive iodine uptake RAIU 10-30%
Serum thyrotropin TSH 0.5-6 uU/ml
Thyroxine-binding globulin TBG 12-20 ug/dl T4 +1.8 ugm
TRH stimulation test Peak TSH 9-30 uIU/ml at 20-30 min
Serum thyroglobulin l Tg 0-30 ng/m
Thyroid microsomal antibody titer   TMAb Varies with method
Thyroglobulin antibody titer TgAb  Varies with method

  This TSH levels chart presents a simplified version of what different readings can indicate.

TSH Levels T3 and T4 Levels Disease Condition
High High Tumor of pituitary gland
Low Low Secondary hypothyroidism
Low High Grave’s disease
High Low Hashimoto’s disease
Those with Graves’ disease (an overactive thyroid) have high low TSH and subsequent high thyroid hormone levels. Hashimoto’s disease (underactive thyroid) is the opposite.

Image result for thyroid gland anatomy


Anatomy of the thyroid gland
Image result for thyroid gland anatomy
थायरायड होने के प्रमुख कारण
ह्य्पोथालमिक रोग – कोई बार पिट्यूटरी ग्रंथि के कारण भी थायराइट की समस्या हो जाती है क्योंकि यह थायरायड ग्रंथि हार्मोन को उतपन्न करने की सूचना नहीं दे पाती.
ग्रेव्स रोग – ग्रेव्स रोग होने के कारण थायराइड रोग होने का सबसे बड़ा कारण है. इसमें थायरायड ग्रंथि होने के कारण थायरायड हार्मोन का स्राव अत्यधिक बढ़ जाता है. जिसके कारण थायराइड की समस्या होने लगती है.
 
आयोडीन की कमी – आहार में आयोडीन की कमी या आदिक सेवन भी थायराइड का लक्षण हो सकता है.
तनाव – अधिक तनाव लेने से भी यह समस्या का विकार उतपन्न हो जाता है. जब अधिक तनाव होता है तो इसका सीधा असर थायरायड ग्रंथि पर पड़ता है। यह ग्रंथि हार्मोन के स्राव को बढ़ा देती  है और थायरायड हो जाता है.

हाइपोथायराइड
हाइपोथायराइड में थायराइड ग्लैंड सक्रिय नहीं हो पता जिसके कारण हमारे शरीर की आवशयकता के अनुसार टी.थ्री व टी. फोर हार्मोन पहुंच नहीं पाता है। 
हायपरथायराइड 
हायपरथायराइड में थायराइड ग्लैंड अधिक सक्रिय होते हैं और टी. थ्री, टी. फोर हार्मोन अधिक मात्रा में निकलने लगता है जिसके कारण यह रक्त में घुलनशील हो जाता है। 


http://abchomeopathy.com/forum2.php/68737/  
In my experience for hypo/hyper thyroidism;




Thyrodioum 200- every week then after 1 month one dose of 1M
Spongia-3 times a day)

-Fucus Q 4 times a day
Iodium 30- (3 times a day)
  


थायराइड रोग के लिए होम्योपैथिक उपचार
होम्योपैथी में, हम कमी या अधिशेष का सप्लीमेंट से नहीं बल्कि कुशल ग्रंथियों समारोह के पुनर्सक्रियन से समस्या का इलाज करने का प्रस्ताव है. हाइपोथायरायडिज्म के लिए इस्तेमाल किया दवाओं हैं:
6 Bromium
200 Thyroidinum
Hyperthyroidism के लिए, निम्न दवा लक्षणों के सबसे से अपेक्षित राहत प्रदान करता है और अगर समय की अवधि आमतौर पर इलाज पर लागू होता है:
200 Iodum

Thyroidinum 30 – ये थायरॉइड के लिए बहुत ही अच्छी मेडिसिन है, इसे दिन में 3 से 4 बार दो-दो बून्द लें। थायरॉइड जैसे ही नार्मल हो जाये तो उसकी दो बून्द दिन में सिर्फ एक बार लें।
Iodum 30 – इस दवा में Hypothyroidism के सारे लक्षण मिलते हैं, इसकी दो बून्द सुबह-शाम लेने से शरीर में आयोडीन की कमी दूर हो जाती है।
Rakwage R51 – R51 की 10 बून्द एक चम्मच पानी में डालकर खाना खाने से एक घंटे पहले दिन में दो बार लें। ये Hypothyroidism की बहुत ही अच्छी मेडिसिन है। R51 के components हैं :-
Belladonna 30 जो की थायरॉइड की बहुत अच्छी मेडिसिन है।
Iodum 30 इसके बारे में बताया जा चूका है।
Natrum carb 30 और lapis albus 30, ये सभी R51 में मिले हुए हैं। Rakwage R51 की कीमत 200 रूपए है


अदरक में पाया जाने वाला पोटैशियम तथा मेग्नीशियम थाइरॉइड की समस्या से निजात दिलाने में सहायक होते है. इसमें मौजूद इंफ्लेमेटरी गुण थाइरॉइड को बढ़ने से रोकता है. अतः थाइरॉइड के रोगियों को प्रतिदिन किसी न किसी रूप में अदरक का सेवन अवश्य करना चाहिए.
मुलेठी का सेवन
जिन व्यक्तियों को थायराइड की समस्या होती है उन्हें बहुत जल्दी थकान लगने लगती है और वे जल्दी ही थक जाते हैं। एैसे में मुलेठी का सेवन करना बेहद फायदेमंद होता है. मुलेठी में मौजूद तत्व थायराइड ग्रंथी को संतुलित बनाते हैं और थकान को उर्जा में बदल देते हैं और थायराइड की समस्या से निजात मिलती है.
 

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