माइक्रोकम्प्यूटर्स के प्रयोग से डाटा एवं सूचना का संकलन, सुव्यवस्था और परिणाम प्राप्त करने की प्रक्रिया तीव्र गति से सम्पन्न होती है। लेकिन यह अध्कि लाभकारी तब साबित हुआ जबकि सन् 1970 से कम्प्यूटर में माइक्रोप्रोसेसर के उपयोग से पर्सनल कम्प्यूटर की शुरुआत हुई। पर्सनल कम्प्यूटर, माइक्रो कम्प्यूटर का दूसरा नाम है। यह एक बार में एक ही व्यक्ति के काम आने वाला कम्प्यूटर है। आज पर्सनल कम्प्यूटरों पर आधरित कम्प्यूटर का सबसे अध्कि विकास हो रहा है। आने वाले समय में दुनियाभर में लगभग 100 मिलियन पर्सनल कम्प्यूटर हो जायेंगे। IBM कम्पनी के मानकों के आधर तैयार किये माइक्रोकम्प्यूटर IBM पी.सी. कहलाते हैं।
पर्सनल कम्प्यूटर का मूल सिद्धान्त
पर्सनल कम्प्यूटर के मुल सि(ान्त के अनुसार कम्प्यूटर के इलेक्ट्राॅनिक परिपथ की दो मुख्य इकाई होती हैं-
* कंट्रोल यूनिट
* अर्थमेटिक लाॅजिक यूनिट
सेमीकंडक्टर पदार्थ का वह चिप जिस पर कंट्रोल यूनिट और ए.एल.यू. दोनों का एक परिपथ विद्यमान हो माइक्रोप्रोसेसर कहलाता है। माइक्रोप्रोसेसर चिप तथा अन्य डिवाइस एक पी.सी.बी. में लगे रहते हैं, जिसे मदरबोर्ड कहते हैं । यह सम्पूर्ण व्यवस्था एक बाॅक्स या सिस्टम यूनिट में स्थित होती है ।
इस प्रकार पी.सी. की बनावट में एक एक माॅनीटर, एक सिस्टम यूनिट, , एक की-बोर्ड, एक माउस, स्पीकर और अन्य एच्छिक डिवाइसेज, जैसे- प्रिंटर , माॅडेम, स्कैनर, प्लाॅटर, ग्रापिफक टेबलेट , लाइट पेन, जाॅयस्टिक आदि भी लगाये जा सकते हैं।
पर्सनल कम्प्यूटर की वर्किंग
पी.सी. एक प्रणाली है जिसमें डाटा और निर्देशों को इनपुट डिवाइस के जरिए से स्वीकार किया जाता है। इस इनपुट किये गये डाटा व निर्देशों को आगे सिस्टम यूनिट में पहुँचाया जाता है, जहाँ निर्देशों के अनुसार सी.पी.यू. डाटा पर क्रिया या प्रोसेसिंग का कार्य करता है और परिणाम को आउटपुट यूनिट माॅनीटर या स्क्रीन पर भेज देता है। यह प्राप्त परिणाम आउटपुट कहलाता है। पी.सी. में इनपुट यूनिट के रूप में प्रायः की-बोर्ड और माउस काम आते हैं जबकि आउटपुट यूनिट के रूप में माॅनीटर और प्रिंटर काम आते हैं।
एस. एम. पी. एस.
यह एक स्टेबेलाइजर के समान उपकरण होता है जो सिस्टम यूनिट में लगा रहता है। यह विद्युत ग्ह से प्राप्त घरेलू ए. सी. विद्युत-धारा को कम्प्यूटर की सिस्टम यूनिट में विभिन्न डिवाइसों और मदरबोर्ड के लिये वितरित करने का कार्य करता है। यह ए. सी. विद्युत-धारा को डी. सी. विद्युत-धारा में बदलता है। एस. एम. पी. एस. माॅनीटर, प्रिंटर आदि को भी विद्युत वितरित करता है।
No comments:
Post a Comment