नई दिल्ली: सस्ते टैबलेट आकाश के तीसरे संस्करण का उपयोग ग्राहकों के लिए शानदार अनुभव साबित होगा क्योंकि इसे बनाने वाले इसमें सिम डालने सहित कई अन्य आकषर्क सुविधाएं देने के प्रयास कर रहे हैं।
उम्मीद है कि करीब 50 लाख ‘आकाश तीन’ टैबलेट अगले चरण में पेश किये जाएंगे। इसके लिए वैश्विक निविदा अगले साल फरवरी में पेश हो सकती है।
आकाश के तीसरे चरण को विकसित करने में शामिल समिति के सदस्यों के अनुसार, उत्पाद को जहां तक संभव हो स्वदेशी बनाने और इसमें कई पक्षों को शामिल करने के प्रयास किये जा रहे हैं।
समिति सदस्य और आईआईटी बांम्बे के कम्प्यूटर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के प्रोफेसर दीपक बी पाठक ने कहा कि हमारा उददेश्य शिक्षा प्रणाली में टैबलेट के उपयोग को बढावा देना और इसके लिए पारिस्थितिक तंत्र तैयार करना है।
पाठक ने कहा कि कम्प्यूटर संबंधी बड़ी बड़ी कंपनियां इस डिवाइस से हैरान हैं और वे इस प्रक्रिया में जुड़ना चाहती हैं।
उन्होंने कहा कि आकाश तीन में लीनक्स और एनरोइड संचालन प्रणाली की मदद से तेजतर्रार प्रोसेसर होगा और इसमें आधुनिक मेमोरी होगी। पाठक ने कहा कि इसमें सिम लगाने की जगह भी होगी ताकि लोग इसका संचार उपकरण के तौर पर भी उपयोग कर सके।
पाठक के अलावा आईआईटी मद्रास के प्रोफेसर अशोक झुनझुनवाला सैकड़ों छात्रों और अन्य सहित नये आकाश तीन बनाने की प्रक्रिया में शामिल हैं। छात्रों का इस परियोजना को लेकर उद्देश्य टैबलेट में नाड़ी की दर नापने की सुविधा डालना भी है। पाठक ने कहा कि आकाश तीन के दो माडल भी लाये जा सकते हैं जिसमें से एक स्कूलों और दूसरा कालेजों के लिए होगा। (एजेंसी)
उम्मीद है कि करीब 50 लाख ‘आकाश तीन’ टैबलेट अगले चरण में पेश किये जाएंगे। इसके लिए वैश्विक निविदा अगले साल फरवरी में पेश हो सकती है।
आकाश के तीसरे चरण को विकसित करने में शामिल समिति के सदस्यों के अनुसार, उत्पाद को जहां तक संभव हो स्वदेशी बनाने और इसमें कई पक्षों को शामिल करने के प्रयास किये जा रहे हैं।
समिति सदस्य और आईआईटी बांम्बे के कम्प्यूटर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के प्रोफेसर दीपक बी पाठक ने कहा कि हमारा उददेश्य शिक्षा प्रणाली में टैबलेट के उपयोग को बढावा देना और इसके लिए पारिस्थितिक तंत्र तैयार करना है।
पाठक ने कहा कि कम्प्यूटर संबंधी बड़ी बड़ी कंपनियां इस डिवाइस से हैरान हैं और वे इस प्रक्रिया में जुड़ना चाहती हैं।
उन्होंने कहा कि आकाश तीन में लीनक्स और एनरोइड संचालन प्रणाली की मदद से तेजतर्रार प्रोसेसर होगा और इसमें आधुनिक मेमोरी होगी। पाठक ने कहा कि इसमें सिम लगाने की जगह भी होगी ताकि लोग इसका संचार उपकरण के तौर पर भी उपयोग कर सके।
पाठक के अलावा आईआईटी मद्रास के प्रोफेसर अशोक झुनझुनवाला सैकड़ों छात्रों और अन्य सहित नये आकाश तीन बनाने की प्रक्रिया में शामिल हैं। छात्रों का इस परियोजना को लेकर उद्देश्य टैबलेट में नाड़ी की दर नापने की सुविधा डालना भी है। पाठक ने कहा कि आकाश तीन के दो माडल भी लाये जा सकते हैं जिसमें से एक स्कूलों और दूसरा कालेजों के लिए होगा। (एजेंसी)
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